इस्लामाबाद, 10 जून (हि.स.)। पाकिस्तान सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा बजट में 20% की भारी वृद्धि की घोषणा की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पेश किए गए बजट में 2.55 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग 9 अरब डॉलर) रक्षा मद में आवंटित किए गए हैं, जो कि इस वर्ष समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के 2.12 ट्रिलियन रुपये (7.45 अरब डॉलर) से काफी अधिक है।
यह वृद्धि ऐसे समय में की गई है जब पाकिस्तान को ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान भारत के निर्णायक सैन्य हमलों का सामना करना पड़ा था।
अहम बात यह है कि पाकिस्तान ने जहां कुल सरकारी खर्च में 7 फीसदी की कटौती करते हुए उसे 17.57 ट्रिलियन रुपये (62 अरब डॉलर) कर दिया है, वहीं रक्षा खर्च को प्राथमिकता दी गई है। हालांकि, सेना पेंशन मद (563 अरब रुपये) को आधिकारिक रक्षा बजट में शामिल नहीं किया गया है।
इसके आलवा, पाकिस्तान ने वर्ष 2024-25 के लिए लक्षित 5.9 फीसदी के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद के 3.9 प्रतिशत घाटे का अनुमान लगाया है। जबकि मुद्रास्फीति 7.5 प्रतिशत और विकास 4.2 प्रतिशत अनुमानित किया गया।
दक्षिण एशियाई राष्ट्र अपने पड़ोसी के साथ लगभग तीन दशकों में सबसे खराब लड़ाई के बाद अपनी सुरक्षा को मजबूत करते हुए विकास को गति देना चाहता है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष वित्त कार्यक्रम की सख्ती को पूरा करना चाहता है। प्रधानमंत्री शरीफ ने एक बयान में कहा, पारंपरिक युद्ध में भारत को हराने के बाद, अब हमें आर्थिक क्षेत्र में उससे आगे निकलना है। पाकिस्तान को अपने सबसे बड़े निर्यात बाजार, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे नए आयात शुल्क की अनिश्चितता से भी निपटना होगा।
दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के कई आतंकी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। तब पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया था। इसी के बाद पाक सरकार ने रक्षा बजट में अप्रत्याशित 20 फीसदी की बढोतरी की है। हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी वो भारत के 78.7 अरब डॉलर के रक्षा बजट से काफी पीछे है। भारत के रक्षा बजट में 21 अरब डॉलर तो सिर्फ हथियार और उपकरण पर खर्च करने के लिए निर्धारित किए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय