पंजाब में पाकिस्तान को गोपनीय जानकारी देने वाला एक और यूटयूबर गिरफ्तार

युगवार्ता    04-Jun-2025
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पाकिस्तानी हाई कमीशन से निकाले गए अधिकारी दानिश के सीधे संपर्क में था जसबीर: डीजीपी

चंडीगढ़, 4 जून (हि.स.)। पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) एसएएस नगर ने पाकिस्तान की इंटर- सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में एक यूट्यूब इनफलूऐंसर को गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने बुधवार को आरोपित को कोर्ट में पेश कर 3 दिन की रिमांड पर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बुधवार को बताया कि गिरफ़्तार आरोपित की पहचान जसबीर सिंह उर्फ जान माहल (41) निवासी गांव माहलां रूपनगर के तौर पर हुई है। जसबीर 11 लाख से अधिक सब्सक्राइबर वाला एक सोशल मीडिया इनफलूऐंसर है, जो ‘‘जान माहल वीडियो’ नाम का यूट्यूब चैनल चला रहा था। वह यात्रा और खाना पकाने सम्बन्धी ब्लॉग पोस्ट करता था।

डीजीपी यादव ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपित जसबीर सिंह पाकिस्तानी इंटेलिजेंस आपरेटिव (पीआईओ) शाकिर उर्फ जट्ट रंधावा के साथ जुड़ा हुआ है, जो कि एक आतंकवादी- समर्थित जासूसी नेटवर्क का हिस्सा है। वह यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के भी संपर्क में था। ज्योति को हरियाणा पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उन्होंने बताया किजसबीर के पाकिस्तानी नागरिक और पाकिस्तानी हाई कमीशन से निकाले गए अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के साथ भी सीधे संपर्क थे।

जांच से पता लगा है कि दानिश के निमंत्रण पर जसबीर दिल्ली में पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस समागम में शामिल हुआ था, जहां वह पाकिस्तानी फ़ौज के अधिकारियों और व्लॉगरों से मिला था।

उन्होेंने बताया कि आरोपित जसबीर वर्ष 2020, 2021 और 2024 तीन बार पाकिस्तान भी गया था और आईएसआई अधिकारियों के सीधे संपर्क में आया था, जिन्होंने बाद में उसको भारत में जासूसी गतिविधियों करने के लिए भर्ती किया।

डीजीपी ने बताया कि ज्योति मल्होत्रा की गिरफ़्तारी के बाद जसबीर ने पकड़े जाने से बचने के लिए इन पीआईओज़ के साथ अपने संचार के सभी सबूत मिटाने की कोशिश की। उन्होंने आगे कहा कि व्यापक जासूसी-आतंकवादी नेटवर्क को ख़त्म करने और सभी सहयोगियों की पहचान करने के लिए अभी जांच चल रही है।

आपरेशन का विवरण साझा करते हुए सहायक इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस (एआईजी) एसएसओसी एसएएस नगर डाॅ. रवजोत ग्रेवाल ने बताया कि पुलिस को विश्वस्तसूत्रों से सूचना मिली थी कि जसबीर सिंह उर्फ जान माहल पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों समेत कई पाकिस्तानी संस्थाओं के संपर्क में है और भारतीय फ़ौज की तैनाती और देश की अन्य आंतरिक गतिविधियों के बारे संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को दे रहा है। उन्होंने बताया कि इस सूचना पर एसएसओसी एसएएस नगर की टीमों ने इंटेलिजेंस आधारित कार्यवाही शुरू की। इसके बाद आरोपित जसबीर सिंह को उसके मोबाइल डिवाइस के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया।

एआईजी ने बताया कि गिरफ़्तार आरोपित के मोबाइल फ़ोन की शुरुआती फोरेंसिक जांच से लगभग 150 पाकिस्तानी संपर्क मिले हैं, जिनमें पाकिस्तानी आईएसआई एजेंटों, पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारियों और अन्य पाकिस्तानी संस्थाओं के मोबाइल नंबर शामिल हैं।

एआईजी ने बताया कि आरोपित ने छिपाने की कोशिश में अपने मोबाइल फ़ोन से चैट, संपर्क रिकार्ड और पाकिस्तानी ख़ुफ़िया हैंडलरों के साथ आदान-प्रदान किये गए दस्तावेज़ों समेत महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत मिटा दिए। उन्होंने यह भी कहा कि उसकी तरफ से मिटाया गया डाटा और लीक की जानकारी को फिर प्राप्त करने के लिए तकनीकी रिकवरी और फोरेंसिक जांच जारी है।

उन्होंने कहा कि जांच से पता लगा है कि आरोपित जसबीर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग भारतीय फ़ौज की गतिविधियों और तैनाती के बारे संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी हैंडलरों के साथ साझा करने के लिए किया था।

एआईजी ने बताया कि आरोपित जसबीर की वर्ष 2024 में पाकिस्तान दूतावास के समागम कार्यक्रम में पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों और ज्योति मल्होत्रा से जान-पहचान हुई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

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