- भोपाल में हुई वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशालाभोपाल, 06 जून (हि.स.)। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से भोपाल के भौंरी स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) में आयोजित दो दिवसीय ‘नक्शा’ वेब जीआईएस प्लेटफॉर्म पर कार्यशाला के अंतिम दिन शुक्रवार को तकनीकी सत्रों, विचार-विमर्श और राज्यों के अनुभव-साझा के साथ हुआ। कार्यशाला में देशभर के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए 44 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी एवं जीआईएस विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि नक्शा’ वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण की आधारशिला बनेगा।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी ने आज कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य स्तर पर सहयोग और व्यवहारिक समाधान अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी तकनीक वही होती है, जिसे लोग सहज रूप से अपनाएं। उन्होंने प्रशिक्षण, सुधार और नागरिक-केंद्रित डिजिटल सिस्टम विकसित करने का आग्रह किया।
कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरुआत सांची क्षेत्र के फील्ड सर्वेक्षण डेटा के लाइव प्रदर्शन से हुई। इसमें नक्शा ऐप की प्रमुख कार्यक्षमताएं जैसे भूखंडों का विभाजन-मिलान, रिकॉर्ड ऑफ राइट्स (आरओआर) सुधार और प्रकाशन प्रक्रिया का वर्कफ़्लो प्रदर्शित किया गया। एमपीएसईडीसी टीम ने बताया कि कैसे ऑफलाइन डेटा अपलोड और इंटरैक्टिव डैशबोर्ड जैसे फीचर्स भूमि प्रबंधन को अधिक सरल और सुलभ बनाते हैं।
सत्र के दौरान विभिन्न राज्यों ने अपनी डिजिटल सर्वेक्षण पहलों को साझा किया। केरल ने अपनी एंटे भूमि परियोजना के तहत विकसित वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म प्रस्तुतिकरण दिया, जो शिकायत निवारण, फील्ड मॉनिटरिंग और नागरिक सेवाओं को एकीकृत करता है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश ने भी अपने नवाचारों और डिजिटल मैपिंग के अनुभव साझा किए। बाद में प्रतिभागियों को राज्यों के चार समूहों में विभाजित कर एमपीएसईडीसी की तकनीकी टीम के साथ राउंडटेबल सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें डेटा एकीकरण, प्रशिक्षण, कार्यान्वयन की समय-सीमा और यूजर इंटरफेस सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन संवाद हुआ। विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, केरल और मेघालय के प्रस्तुत सुझावों को सराहना मिली।
कार्यक्रम के समापन पर एमपीएसईडीसी के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप गोयल ने सभी राज्यों के योगदान और सहभागिता की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यशाला भारत में डिजिटल भूमि प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुई है। साथ ही, 'नक्शा' पहल के राष्ट्रीय विस्तार हेतु सहयोग का सशक्त मंच भी बनी है।-------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर