नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स)। इस साल की शुरुआत में आयकर रियायतों की एक श्रृंखला के बाद केंद्र सरकार अब वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में कटौती कर मध्य और निम्न-आय वाले घरों में राहत देने की तैयारी कर रही है। सरकार आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी तक कम कर सकती है। इस बारे में फैसला जुलाई में होने वाली 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में हो सकता है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि केंद्र सरकार 12 फीसदी जीएसटी टैक्स स्लैब को पूरी तरह से समाप्त करने यानी मौजूदा 12 फीसदी वाले वस्तुओं को 5 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। इनमें टूथपेस्ट और टूथ पाउडर, छाते, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर और रसोई के बर्तन, इलेक्ट्रिक इस्त्री, गीजर, छोटी क्षमता वाली वाशिंग मशीन, साइकिल, 1,000 रुपये से ज्यादा कीमत वाले रेडीमेड वस्त्र, 500 से एक हजार रुपये के बीच कीमत वाले जूते, स्टेशनरी आइटम, टीके, सिरेमिक टाइलें और कृषि उपकरण शामिल होंगे।
जानकारों का मानना है कि अगर ऐसा होता है, तो वस्तुओं को उनकी प्रकृति के आधार पर 5 फीसदी या 18 फीसदी टैक्स स्लैब में स्थानांतरित किया जा सकता है। यह 2017 के बाद से सबसे बड़े जीएसटी परिवर्तनों में से एक होगा, जब देश में कर प्रणाली पहली बार पेश की गई थी। सरकार का यह कदम दैनिक उपयोग वाले सामानों के लिए कीमतों को कम करके मध्य और निम्न-आय वाले परिवारों की मदद कर सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर