सामाजिक समरसता हमारे खून में समाई हैः केन्द्रीय मंत्री सिंधिया

युगवार्ता    05-Jul-2025
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ग्वालियर में आयोजित “समरसता सम्मेलन”


ग्वालियर में आयोजित “समरसता सम्मेलन”


ग्वालियर में आयोजित “समरसता सम्मेलन”


ग्वालियर, 5 जुलाई (हि.स.)। केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारी संस्कृति व सभ्यता हजारों हजार साल पुरानी है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना हमारी मूल संस्कृति है। इसी भाव के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव देश व प्रदेश को ऊँचाइयों को ले जा रहे हैं। खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विकास की इबारत लिखने के साथ– साथ सामाजिक समरसता का पाठ पढ़ाने का काम भी किया है। सामाजिक समरसता हमारे खून में समाई है।

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया शनिवार देर शाम ग्वालियर में आयोजित “समरसता सम्मेलन” को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व के 177 देशों में भारत के अलावा ऐसा कोई देश नहीं जहाँ आर्थिक एवं आध्यात्मिक शक्ति का संगम दिखाई देता हो।

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव, केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर सहित अन्य अतिथियों ने संतजन एवं विभिन्न क्षेत्रों में ग्वालियर व प्रदेश का नाम रोशन कर रहीं आधा दर्जन विभूतियों को समरसता सम्मान से विभूषित किया। साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रहे समाज के आखिरी छोर पर खड़े हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किए।

कार्यक्रम में सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर के जौरासी में अंबेडकर धाम बनने के बाद हर साल वहां पर सामाजिक समरसता सम्मेलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समान अधिकार देने का जो संकल्प लिया गया है, उसमें नारी शक्ति को भी आगे बढ़ाने का संकल्प शामिल है। अनुच्छेद-14 और अनुच्छेद-16 के आधार पर, लिंग के आधार पर महिलाओं के प्रति दूसरी सोच रखने का जो संदेश था। उसे नष्ट करने का काम डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ने किया।

देश प्रगति के पथ पर अग्रसर

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि भारत का विकास और प्रगति इस कालखंड में सुनिश्चित है। हमारे प्रधानमंत्री मोदी का ओजस्वी नेतृत्व, यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी अगर मैं कहूं कि उनका नेतृत्व केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वह विश्वव्यापी है। उनकी सोच और कार्यशैली भी वैश्विक दृष्टिकोण से परिपूर्ण है। इसलिए आज विश्व हमारे प्रधानमंत्री को सम्मान की दृष्टि से देखता है। यह भारत माता का कालखंड है। यह सुनिश्चित है कि भारत विकास और प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है, लेकिन 140 करोड़ की जनसंख्या वाले देश को नौ करोड़ की जनसंख्या वाले मध्य प्रदेश से उदाहरण लेने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि आज मेरे लिए यह एक भावुक क्षण है, क्योंकि मेरी राजनीतिक यात्रा बहुत लंबी नहीं रही, मात्र 23 वर्षों की है। इस सफर में मैंने कई मुख्यमंत्रियों को देखा है। बचपन में मेरी आजी अम्मा (राजमाता विजयाराजे सिंधिया) और पूज्य पिताजी (माधवराव सिंधिया) के साथ रहते हुए भी कई मुख्यमंत्रियों को देखा, लेकिन आज पहली बार गर्व से कह सकता हूं कि जब प्रदेश में कोई चुनाव नहीं हो रहा, तब सामाजिक समरसता सम्मेलन आयोजित हो रहा है। जबकि आमतौर पर चुनाव के समय ही हर दल ऐसे सामाजिक सम्मेलन करता है।

प्रदेश में गैर बराबरी दूर करने के लिये हो रहे हैं सार्थक प्रयासः तोमर

विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारे देश का अतीत अत्यंत गौरवशाली है। हमारे पूर्वजों ने हम सभी को एकात्मता के संस्कार दिए हैं। इन संस्कारों को याद रखेंगे तो कोई हमें तोड़ नहीं पायेगा और देश निश्चित ही विश्वगुरू बनकर रहेगा। खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में देश व प्रदेश में गैर बराबरी दूर करने के लिये सार्थक प्रयास हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि “नर सेवा ही नारायण सेवा” हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है। यह मंत्र अगर हम ध्यान में रखेंगे तो हमारा भीतरी आत्मतत्व प्रबल होगा। इससे सामाजिक समरसता भी मजबूत होगी। विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि ग्वालियर में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर आयोजित समरसता सम्मेलन इस बात को प्रमाणित करता है कि हमारे मुख्यमंत्री विकास व रोजगार के क्षेत्र में देश को नंबर वन बनाने की प्रतिबद्धता के साथ-साथ समाज में समरसता लाने के प्रति पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं।

सनातन परंपरा ने सदैव सामाजिक समरसता का संदेश दियाः आर्य

पूर्व मंत्री एवं भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने कहा कि हमारी सनातन परंपरा ने सदैव से सामाजिक समरसता का संदेश दिया है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, महाराणा प्रताप, बाबा साहब अम्बेडकर, संत रविदास, मीराबाई व पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन चरित्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी ने सामाजिक समरसता को मजबूत किया। बाबा साहब ने संविधान के रूप में सभी धर्मों, वर्गों व जातियों को सुरक्षा कवच प्रदान किया।

ग्वालियर की धरती से समरसता का संदेश पहुँचाने की सार्थक पहलः पचौरी

राज्य के सूचना आयुक्त उमाशंकर पचौरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस सम्मेलन के माध्यम से ग्वालियर की धरती से पूरे प्रदेश व देश में समरसता का संदेश पहुँचाने की सार्थक पहल हुई है। उन्होंने कहा आज हम सब संकल्प लें कि हम सभी प्रकार के मत व मन भेदों को भुलाकर ऐसे प्रयास करेंगे, जिससे भारत माता पूरे विश्व का मार्गदर्शन करे।

सम्मेलन को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी संबोधित किया। इस मौके पर मौजूद सभी प्रतिभागियों को सामाजिक समरसता की शपथ दिलाई। इसके बाद सामूहिक भोज में भी शामिल हुए। आरंभ में केन्द्रीय मंत्री सिंधिया, मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों ने भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर सामाजिक समरसता सम्मेलन का शुभारंभ किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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