पेरिस, 08 जुलाई (हि.स.)। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोप की अमेरिका और चीन पर अत्यधिक निर्भरता को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यूरोप को अब अपनी रणनीतिक आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देनी चाहिए और ‘दोहरी निर्भरता’ से खुद को सुरक्षित रखना होगा।
मैक्रों ने कहा, “हम एक खुले विश्व के समर्थक हैं, सहयोग करना चाहते हैं, लेकिन निर्भर नहीं बनना चाहते। जब भी हम किसी पर निर्भर होते हैं, तब से हमारी समस्याओं की शुरुआत हो जाती है। हमें वह क्षमता विकसित करनी होगी जिससे हम खुद निर्णय ले सकें, भले ही हमें असहमति जतानी पड़े।”
राष्ट्रपति मैक्रों ने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को लेकर भी चेतावनी दी और कहा कि यूरोप को विदेशी हस्तक्षेप, गलत सूचना अभियान और सोशल मीडिया के विनाशकारी प्रभावों से सतर्क रहना होगा। उन्होंने इस विषय में नेटफ्लिक्स की चर्चित डॉक्यूमेंट्री Adolescence का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह बताती है कि तकनीकी हस्तक्षेप हमारे भविष्य को कैसे प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने स्पष्ट कहा, “अगर हमने जल्द ही इन विषयों पर प्रभावी नियम नहीं बनाए, तो हमारा भविष्य ऐसे लोगों द्वारा तय किया जाएगा, जो सिर्फ एल्गोरिदम के ज़रिए निर्णय लेंगे।”
राष्ट्रपति का यह बयान उस समय आया है जब वैश्विक मंच पर यूरोप की भूमिका को लेकर गंभीर बहस चल रही है। चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच यूरोपीय देशों के लिए आत्मनिर्भरता और संतुलन की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।
मैक्रों का यह वक्तव्य न केवल यूरोपीय संघ की भविष्य की रणनीति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय