रांची, 15 अगस्त (हि.स.)। झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का शुक्रवार को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले 13 दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली (लाइफ सपोर्ट) पर थे, लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था।
गत दो अगस्त को सोरेन अपने आवास पर बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और ब्रेन हेमरेज हो गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया लाया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार उनका उपचार कर रही थी। बावजूद इसके, उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और शुक्रवार रात उनका निधन हो गया।
राजनीतिक सफर और योगदान
रामदास सोरेन झामुमो के एक मजबूत और प्रभावशाली नेता थे। उन्होंने घाटशिला विधानसभा सीट का दो बार प्रतिनिधित्व किया और झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी पहचान एक जननेता के रूप में थी, जो हमेशा लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं का समाधान करने में जुटे रहते थे। शिक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने राज्य के शैक्षणिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं, जिन्हें लंबे समय तक याद किया जाएगा।
झारखंड में शोक की लहर
उनके निधन की खबर से झारखंड की राजनीति और शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं और समर्थकों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्हें झारखंड की राजनीति में एक अपूरणीय क्षति बताया जा रहा है। झामुमो के प्रवक्ता कुणाल सारंगी सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सोशल मीडिया पर लिखा है कि ऐसे छोड़कर नहीं जाना था रामदास दा। अंतिम जोहार दा...
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन शोक जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि रामदास सोरेन के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत मर्माहत हूं। वे सरल स्वभाव के, कर्मठ एवं जनसेवा के प्रति समर्पित नेता थे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को संबल दें।
रांची जिला झामुमो की ओर से बताया गया कि रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची लाया जा रहा है। मौके पर पार्टी के पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे