कठुआ 26 अगस्त (हि.स.)। जम्मू कश्मीर, पंजाब और हिमाचल के बीचो-बीच बहने वाले रावी दरिया पर बने रणजीत सागर डैम के अचानक गेट खोल दिए गए। इसके बाद रावी दरिया से सटे कई इलाके जलमग्न हो गए।
जानकार बताते हैं कि सन 1988 में भी इसी प्रकार बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए थे जोकि अब करीब 37 वर्षों के बाद एक बार फिर रणजीत सागर डैम प्रबंधन द्वारा हजारों क्यूसेक पानी को छोड़ा गया। दरअसल पिछले कई दिनों से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण रावी दरिया पर बने दर्जनों डैम खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गए। इसके बाद सभी बांधों को पानी छोड़ना पड़ा। 37 वर्षों के बाद रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने हर एक बांध को खतरे के निशान तक पहुंचा दिया। जिसके बाद रावी दरिया पर बने दर्जनों बांधों ने अपना-अपना पानी छोड़ दिया। जिसके बाद यह पानी कठुआ जिला से सटे रणजीत सागर बांध तक पहुंच गया और बाद में रणजीत सागर बांध प्रबंधन द्वारा हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा गया जोकि कठुआ जिले के लखनपुर क्षेत्र से होते हुए नीचले इलाकों में पहुंच गया। हजारों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कई मवेशी बह गए, दरिया के किनारे बने कई घरों को नुकसान पहुंचना शुरू हो गया। इससे पहले जिला प्रशासन ने दरिया से सटे कई घरों को खाली करवा दिया है, लोग अपने मवेशी लेकर दूसरी जगह पर स्थानांतरित हो गए हैं।
कई घर सात से आठ फिट तक डूब गए। लखनपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप भी खाली करवाया गया। वहीं अगर बारिश का सिलसिला इसी प्रकार जारी रहा तो डैम द्वारा ओर पानी भी छोड़ा जा सकता है, जिससे लखनपुर के साथ-साथ कठुआ के कई इलाके इसकी चपेट में आ सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया