नई दिल्ली, 23 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और भारतीय साहित्य एवं राष्ट्रीय चेतना में उनके शाश्वत योगदान को याद किया।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर अपने संदेश में कहा, “राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उनकी कविताएं बिहार के साथ-साथ देशभर के लोगों में राष्ट्रभक्ति की अद्भुत भावनाएं भरती आई हैं। उनकी कई पंक्तियां आज भी जनमानस में रची-बसी हैं। वीरता और मानवता से ओतप्रोत उनकी ओजस्वी और कालजयी रचनाएं हर पीढ़ी को मां भारती की सेवा में समर्पित रहने के लिए प्रेरित करती रहेंगी।”
उल्लेखनीय है कि रामधारी सिंह दिनकर (1908-1974) को ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि उनके ओजस्वी काव्य और राष्ट्रीय चेतना को प्रज्वलित करने वाली रचनाओं के लिए मिली थी। वे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान युवाओं में ऊर्जा और जोश भरने वाले कवि रहे। दिनकर की रचनाओं में ‘उर्वशी’, ‘परशुराम की प्रतीक्षा’, ‘संस्कृति के चार अध्याय’ और ‘रश्मिरथी’ विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। उन्हें 1959 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1972 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे और भारतीय समाज में सांस्कृतिक चेतना के प्रबल प्रवक्ता बने।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार