ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु क्षेत्र में सहयोग की नई उम्मीदें

25 Sep 2025 19:56:31
ईरान अमेरिका सहयाेग के लिए सहमत


न्यूयार्क, 25 सितंबर (हि.स.)। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दे पर लंबे समय से चली आ रही तनातनी में नरमी आने के संकेत मिल रहे हैं। दोनों देशों ने परमाणु तनाव को कम करने के लिए नए कदम उठाने की इच्छा जताई है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार काे ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की कोई मंशा न होने की बात दोहराई जबकि अमेरिका ने गतिरोध को खत्म करने के लिए बातचीत फिर से शुरू करने की तत्परता दिखाई।

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि उनका देश कभी भी परमाणु बम बनाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ेगा। उन्होंने अमेरिकी प्रतिबंधों को अन्यायपूर्ण करार देते हुए कहा कि ईरान शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनका देश ईरान के साथ रचनात्मक संवाद के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान को अपनी यूरेनियम संवर्धन गतिविधियों को पूरी तरह रोकना होगा ताकि हथियार बनाने का कोई जोखिम न रहे। रुबियो ने कहा, “हम कूटनीति को प्राथमिकता देंगे लेकिन हमारी शर्तें स्पष्ट हैं।”

गाैरतलब है कि देश की विदेश नीति और परमाणु कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अंतिम निर्णय लेने वाले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने मंगलवार को अमेरिका के साथ किसी भी धमकी के तहत बातचीत न करने का फैसला सुनाया था। अमेरिका, उसके यूरोपीय सहयोगी और इज़राइल लंबे समय से ईरान पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को हथियार विकसित करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

पिछले जून में इज़राइल और अमेरिका के बीच 12 दिनों के युद्ध से पहले ईरान ने पांच दौर की परमाणु वार्ता की थी, लेकिन यूरेनियम संवर्धन को पूरी तरह रोकने जैसे प्रमुख मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई थी। पश्चिमी देश हथियारों के जोखिम को कम करने के लिए इस शर्त को आवश्यक मानते हैं।

ईरान ने कहा है कि अमेरिका ने “कूटनीतिक विश्वासघात” किया है जिसके बाद युद्ध के कारण परमाणु वार्ता ठप हो गई थी। एक ईरानी अधिकारी के अनुसार पिछले कुछ हफ्तों में मध्यस्थों के जरिए अमेरिका को बातचीत फिर से शुरू करने के लिए कई संदेश भेजे गए, लेकिन इस बाबत अभी काेई जवाब नहीं मिला।

इस बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने मंगलवार को घोषणा की कि ईरान ने अपने परमाणु संयत्राें का निरीक्षण फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। यह कार्रवाई जून के हमलों के बाद बंद हो गई थी। ईरान ने अपने उच्च संवर्धित यूरेनियम भंडार का हिसाब देने का भी वादा किया है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा है कि ईरान आईएईए के साथ पूर्ण सहयोग बहाल करने को तैयार है। हालांकि उन्हाेंने चेतावनी दी कि यदि नए प्रतिबंध लगाए गए तो समझौता रद्द हो सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल

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