पेरिस, 25 सितंबर (हि.स.) फ्रांस के यूरोपीय एवं विदेश मामलाें के मंत्रालय द्वारा चीन में मानवाधिकार रक्षकों के तथाकथित व्यक्तिगत मामलों पर की गई टिप्पणी पर राेष प्रकट करते हुए चीन ने कहा है कि ऐसी टिप्पणियां उसके आंतरिक मामलों और न्यायिक संप्रभुता में सीधा हस्तक्षेप हैं।
गाैरतलब है कि फ्रांसीसी मंत्रालय ने मंगलवार को अपनी वेबसाइट पर इस बाबत टिप्पणी की थी जिसके बाद यहां स्थित चीनी दूतावास ने गुरूवार काे जारी बयान में इसकी कड़ी आलाेचना की।
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ये टिप्पणियां उसके आंतरिक मामलाें में सीधा हस्तक्षेप हैं और उनका देश इसका कड़ा विरोध करता है। वह इन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगा।
चीन कानून द्वारा शासित देश है जहाँ कानून के समक्ष सभी समान हैं और जो कोई भी कानून तोड़ता है उसके विरुद्ध कानून के अनुसार ही मुकदमा चलाया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि चीन सरकार फ्रांस से आग्रह करती है कि वह आपसी सम्मान, समानता और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत के अनुसार काम करते हुए चीन की न्यायिक संप्रभुता का सच्चा सम्मान करे। उन्हाेंने आगाह किया कि फ्रांस ऐसी गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियाँ करने से परहेज करे और दाेनाें देशाें के संबंधों काे सुदृढ़ करने और उनके स्थिर विकास के लिए काम करे।
गाैरतलब है कि फ्रांस समय समय पर चीन में मानवाधिकार मामलाे से जुड़े कार्यकर्ताओं के साथ हाेने वाले अमानवीय व्यवहार और उन्हे हिरासत में लिए जाने की घटनाओं की निंदा करता रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल