(लीड) मीर यार बलोच का संयुक्त राष्ट्र से बलोचिस्तान में हस्तक्षेप करने का आह्वान

26 Sep 2025 14:31:31
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- पाकिस्तान से बलोचिस्तान गणराज्य की खनिज संपदा पर समझौता करने वाले अमेरिका को दिखाया आईना

क्वेटा, 26 सितंबर (हि.स.)। बलोचिस्तान स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता मीर यार बलोच ने कहा कि बलोचिस्तान गणराज्य के सीमा बल हाई अलर्ट पर हैं। देश की मोबाइल इमिग्रेशन प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया है। यह कदम पाकिस्तान के आक्रामक रुख की वजह से उठाया गया है। पाकिस्तान की अवैध घुसपैठ और आक्रमण से हमारी सीमाओं को खतरा पैदा हो गया है। मीर यार बलोच ने संयुक्त राष्ट्र से तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है।

मीर यार बलोच ने शुक्रवार को एक्स पोस्ट में लिखा, ''संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों से आग्रह किया जाता है कि वे बलूचिस्तान में हस्तक्षेप करें ताकि पाकिस्तान की अवैध घुसपैठ और आक्रमण से हमारी सीमाओं की सुरक्षा में मदद मिल सके। ' बलोच नेता ने मौजूदा हालात पर पड़ोसी देशों का ध्यान भी आकर्षित किया है। मीर यार ने कहा कि 1947 से बलूचिस्तान में बिना नागरिकता, वैध दस्तावेजों या उचित वीजा के रह रहे सभी अवैध पाकिस्तानी प्रवासियों को तुरंत देश छोड़ना होगा। उनका अनधिकृत प्रवास अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है और बलोचिस्तान की संप्रभुता को कमजोर करता है।

मीर यार बलोच ने बलोच राष्ट्र से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि पंजाब प्रांत के बलोच क्षेत्रों- डेरा गाजी खान, तौंसा शरीफ, जैकोबाबाद और खानपुर की तत्काल वापसी होनी चाहिए। यहां गोरचानी, लिघारी, द्रेशक और मजारी जैसी बहुसंख्यक बलोच जनजातियां 18वीं शताब्दी से निवास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्यवादी ताकतों ने संयुक्त बलोचिस्तान को कमजोर करने के लिए इस क्षेत्र का विभाजन कर दिया था। बलोचिस्तान गणराज्य आज भी इन क्षेत्रों को पंजाब प्रांत और पाकिस्तान के प्रभुत्व से पूरी तरह मुक्त मानता है।

उन्होंने कहा कि पश्तूनों और सिंधी समुदाय को तत्काल तय समय-सीमा के भीतर सिंध और पख्तूनिस्तान लौटने की छूट दी जाती है। बलोच ने जोर देकर कहा कि हमारी सीमाओं के भीतर पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए सीधा और गंभीर खतरा है। भलाई इसी में है कि पाकिस्तानी सेना पीछे हट जाए। बलोचिस्तान के संसाधनों का अवैध दोहन तुरंत बंद किया जाए।

मीर यार बलोच ने इससे पहले 25 सितंबर को एक्स पोस्ट पर पिछले दिनों अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बलोचिस्तान की खनिज संपदा को लेकर हुए समझौते पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के भ्रष्ट जनरलों के साथ इस संबंध में समझौता कर एक हारे हुए घोड़े पर दांव लगाया है।

मीर यार ने लिखा, ''बलोचिस्तान के खनिजों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति का पाकिस्तान के भ्रष्ट जनरलों के साथ समझौता, एक हारे हुए घोड़े पर दांव लगाने और एक निरर्थक उद्यम में पैसा लगाने से कम नहीं है। जिस समय असीम मुनीर और शहबाज शरीफ डोनाल्ड ट्रंप को दुर्लभ खनिज निकालने के झूठे आश्वासन दे रहे थे, उसी समय बलोच स्वतंत्रता सेनानी और रक्षा बल उन खनिज समृद्ध क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण घोषित कर रहे थे, जिससे पाकिस्तान का झूठ बेहद अपमानजनक तरीके से उजागर हो रहा था। ''

मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कल रात बलूच रक्षा और सुरक्षा इकाइयों ने सुरब और कलात के दो महत्वपूर्ण जिलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपनी चौकियां स्थापित कर दीं। कब्जा करने वाली सेना के दो वाहनों को हथियारों और रसद के साथ अपने कब्जे में ले लिया। बलोच ने कहा कि यह इस बात का सबूत है कि बलोच आंदोलन मजबूत हो रहा है और कब्जा करने वाली संघीय सेना अपना प्रभावी नियंत्रण खो चुकी है।

उन्होंने अमेरिका के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए ट्रंप को सलाह दी कि वह पाकिस्तान के बजाय खनिज संपदा के असली मालिकों से सीधे बात करें। आपसी सम्मान, दीर्घकालिक साझेदारी और क्षेत्र के बेहतर भविष्य का निर्माण करने का यही एकमात्र तरीका है। बलोच ने कहा कि कपटी पाकिस्तान ने अपने निर्माण के बाद से दुनिया को धोखा के अलावा कुछ नहीं दिया है। एक ऐसा तथ्य है, जिसे अमेरिकी सैन्य प्रमुखों, नेताओं और यहां तक कि खुद ट्रंप ने भी बार-बार उजागर किया है।

बलोच ने लिखा है, ''पाकिस्तान ने अतीत में हमेशा अमेरिकी हितों के खिलाफ काम किया है। वह भविष्य में भी ऐसा करेगा। वह अमेरिका को अंधेरे में रखते हुए केवल पंजाब और इस्लामाबाद के हितों की रक्षा करेगा। अमेरिकी हित से उसे कोई लेना देना नहीं है।'' बलोच नेता मीर यार ने खनिज संपदा के सौदे का पर विचार कर रही सरकारों और निगमों को सलाह दी है कि बलोचों की सहमति के बिना ऐसा हर प्रयास नाजायज है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

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