स्टॉक मार्केट में सिद्धि कॉटस्पिन की बड़ी गिरावट के साथ एंट्री, कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट

26 Sep 2025 10:59:31
सिद्धि कॉटस्पिन की कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट


नई दिल्ली, 26 सितंबर (हि.स.)। सूती धागे बनाने वाली कंपनी सिद्धि कॉटस्पिन के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जोरदार गिरावट के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को काफी निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 108 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 86.40 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली का दबाव बन गया, जिसके कारण थोड़ी देर में ही सिद्धि कॉटस्पिन के शेयर गिर कर 82.10 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर आ गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 23.98 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

सिद्धि कॉटस्पिन का 69.85 करोड़ रुपये का आईपीओ 19 से 23 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 4.21 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 17.53 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 5.94 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.50 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 53.40 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 15.24 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने पुराने कर्ज के बोझ को हल्का करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 6.02 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 12.18 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 13.08 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 90 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 724.66 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज में भी लगातार कमी आई। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 113.78 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 90.58 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 67.11 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो यह वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 49.75 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में घट कर 46.90 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस उछल कर 59.98 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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