दुबई, 27 सितम्बर (हि.स.)। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा परमाणु कार्यक्रम को लेकर लगाए जा रहे वैश्विक प्रतिबंधों को लेकर कहा कि यह “आसमान टूटने जैसा नहीं है।” न्यूयॉर्क से लौटते समय उन्होंने राज्य टीवी को दिए बयान में कहा कि यदि ईरान कमजोर रहा तो उस पर दबाव बढ़ेगा, लेकिन एकजुट रहने पर किसी संकट से डरने की जरूरत नहीं है।
प्रतिबंधों के बहाल होने की घोषणा के साथ ही ईरान ने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में अपने राजदूतों को परामर्श के लिए वापस बुला लिया है। ईरान ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी देशों को इस कदम के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
तीन यूरोपीय देशों (ई3) ने आरोप लगाया है कि ईरान ने 2015 के परमाणु समझौते का उल्लंघन किया है, जिसका उद्देश्य परमाणु हथियार निर्माण को रोकना था। हालांकि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की मंशा से हमेशा इनकार किया है और कहा है कि वह परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से बाहर नहीं जाएगा।
प्रतिबंधों की वापसी से ईरान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ेगा। इसमें संपत्ति फ्रीज, यात्रा प्रतिबंध, हथियारों पर रोक, यूरेनियम संवर्धन और बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधियों पर प्रतिबंध शामिल हैं। इस बीच, ईरानी मुद्रा रियाल 27 सितम्बर को रिकॉर्ड स्तर पर गिरकर 11,23,000 प्रति अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गई।
रूस और चीन ने सुरक्षा परिषद में इस कदम को टालने की कोशिश की, लेकिन केवल चार देशों का समर्थन मिलने के कारण उनका प्रस्ताव गिर गया। पश्चिमी देशों का मानना है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है, जबकि तेहरान का दावा है कि उसका कार्यक्रम केवल शांति पूर्ण उद्देश्यों जैसे बिजली उत्पादन के लिए है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय