- सिकल मित्र - जागरूकता, जेनेटिक काउन्सलिंग , उपचार पर रखेंगे निगरानी
भोपाल, 27 सितम्बर (हि.स.)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के निर्देशन में सिकल मित्र पहल की शुरुआत के साथ ही मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने सिकल सेल एनीमिया रोग को जड़ से समाप्त करने में आम जनता की भूमिका सुनिश्चित की हैं। राज्यपाल पटेल के अनुभव एवं जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी संवेदनशीलता का परिणाम है कि सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन अभियान एक जन आन्दोलन का रूप ले रहा हैं। यह जानकारी शनिवार को जनसम्पर्क अधिकारी पुष्पेन्द्र वास्कले ने दी।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल मित्र वह व्यक्ति होता है जो समुदाय में सिकल सेल रोग के प्रति जागरूकता फैलाने, जांच कराने के लिए प्रेरित करने, चिन्हित रोगी / वाहकों का उपचार व परामर्श, दिव्यागंता प्रमाण पत्र तथा रोगी की सहायता करने और उन्हें सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने जैसे परमार्थ सेवा का कार्य करता हैं। सिकल मित्र कोई भी आम व्यक्ति, शासकीय, गैर शासकीय संस्थान, स्वयंसेवक, सामाजिक संगठन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति बन सकता है।
सिकल मित्र पहल के अंतर्गत जिलों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एक फॉर्मेट तैयार किया गया है, जिसे भरकर सिकल मित्र बनाने और उन्हें प्रशिक्षित कर जिलों में चिन्हित सिकल सेल रोगी एवं वाहकों से मैप किया जायेगा। सिकल मित्र बनना पूर्णतः स्वैच्छिक निर्णय हैं, प्रत्येक सिकल मित्र को प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। वर्तमान में पूरे प्रदेश में अगस्त माह तक 554 सिकल मित्र बने हैं, जबकि रोगी एवं वाहकों की संख्या लगभग 2 लाख 47 हजार 625 हैं और यह संख्या जांच के साथ-साथ बढ़ती रहेंगी जिसकी तुलना में सिकल मित्रों की संख्या बहुत कम हैं। प्रदेश भर में सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम चल रहा है, जिसके अन्तगर्त निःस्वार्थ भाव से परमार्थ के कार्य किये जा रहे हैं। सिकल मित्र बनकर रोगी की सेवा करना एक अच्छी पहल है। इस अभियान का प्रचार प्रसार अधिक से अधिक हो, ताकि समाज सेवी सिकल मित्र बन सके। राज्यपाल पटेल के इस अभियान में जुड़े और मध्य प्रदेश को सिकल सेल एनीमिया मुक्त बनाने में अपनी सहभागिता करें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर