जबलपुर, 27 सितंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जबलपुुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति और जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहने को लेकर प्रथम श्रेणी न्यायाधीश ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को तलब किया है। कोर्ट ने उन्हें 12 नवंबर को उपस्थित होने का आदेश दिया है। रिटायर्ड कर्मचारी नेता रामप्रकाश अवस्थी ने इस मामले में याचिका दायर की थी। जिस पर उक्त आदेश शनिवार शाम जारी किया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘गौ हत्यारा’ कहा था। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के आदेशों पर भी सवाल उठाए यही नहीं, जगतगुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप भी लगाया गया। याचिका में कहा गया है कि ऐसे बयान समाज में नफरत और भ्रम फैलाने वाले हैं। अदालत से मांग की गई थी कि इस पर सख्त कार्रवाई की जाए। मामले को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है। दूसरी ओर, इस संबंध में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के प्रतिनिधि ने कहा है कि गुरुदेव न्यायालय का सम्मान करते हुए तय समय पर कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।
कानूनी रूप से यह मामला आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं से जुड़ा है। याचिका में धारा 256, 399, 302 और आईटी एक्ट की धारा 66A, 71 का उल्लेख किया गया है। इस मामले में कोर्ट का स्पष्ट रूख है कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को खुद उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद शुरू से ही विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने कई बार सरकार और धार्मिक मामलों पर विवादित टिप्पणियां दी हैं। परंतु इस बार उनका बयान सीधे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति एवं जगतगुरु रामभद्राचार्य से जुड़ा होने के कारण मामला गंभीर माना जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक