नई दिल्ली, 27 सितंबर (हि.स.)। विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली, अमेरिका द्वारा फार्मास्यूटिकल सेक्टर पर लादे गए नए टैरिफ, रुपये की कमजोरी और कमजोर ग्लोबल संकेतों के कारण इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में तीन सप्ताह से जारी तेजी के सिलसिले पर ब्रेक लग गया। सोमवार से शुक्रवार तक स्टॉक मार्केट के कारोबार में आई गिरावट साप्ताहिक आधार पर पिछले 6 महीने की सबसे बड़ी गिरावट के रूप में दर्ज हुई। शुक्रवार को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह में सेंसेक्स साप्ताहिक आधार पर 2,199.77 अंक यानी 2.66 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 80,426.46 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी ने 672.35 अंक यानी 2.65 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट के साथ 24,654.70 अंक के स्तर पर पिछले सप्ताह के कारोबार का अंत किया।
शेयर बाजार में आई इस जोरदार गिरावट के कारण स्टॉक मार्केट के निवेशकों की संपत्ति में 15.5 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की कमी हो गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार के कारोबार के बाद घट कर 450.75 लाख करोड़ रुपये (अनंतिम) हो गया। जबकि पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन 19 सितंबर को इनका मार्केट कैपिटलाइजेशन 466.32 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह निवेशकों को 22 से 26 सितंबर के कारोबारी सप्ताह में करीब 15.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।
पिछले सप्ताह के कारोबार में बीएसई का लार्जकैप इंडेक्स साप्ताहिक आधार पर 3.01 प्रतिशत की गिरावट का शिकार हो गया। इस इंडेक्स में शामिल वारी एनर्जीज, टेक महिंद्रा, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), डिवीज लेबोरेटरीज, स्विगी और एलटी माइंडट्री के शेयर टॉप लूजर्स की सूची में शामिल हुए।
सोमवार से शुक्रवार तक के कारोबार के बाद बीएसई का मिडकैप इंडेक्स साप्ताहिक आधार पर 4.5 प्रतिशत टूट गया। इस सप्ताह के कारोबार में मिडकैप इंडेक्स में शामिल कोफोर्ज, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज, परसिस्टेंट सिस्टम्स, कल्याण ज्वेलर्स इंडिया, एम्फैसिस और लॉरस लैब्स के शेयर 10 से 15 प्रतिशत तक टूट कर इस इंडेक्स के टॉप लूजर्स की सूची में शामिल हुए।
लार्जकैप और मिडकैप की तरह ही बीएसई के स्मॉलकैप इंडेक्स ने भी इस सप्ताह गिरावट के साथ अपने कारोबार का अंत किया। सोमवार को खत्म हुए सप्ताह में स्मॉलकैप इंडेक्स 4.2 प्रतिशत की साप्ताहिक कमजोरी के साथ बंद हुआ। इस इंडेक्स में शामिल एमआईसी इलेक्ट्रॉनिक्स, शंकरा बिल्डिंग प्रोडक्ट्स, एसएमएल इसुजु, अपोलो पाइप्स, प्रूडेंट कॉरपोरेट एडवाइजरी सर्विसेज, एसएमएस फार्मास्यूटिकल्स, सिग्निटी टेक्नोलॉजीज, एमको इलेकॉन (इंडिया), आईओएल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स, विष्णु प्रकाश आर पुंगलिया, सिगाची इंडस्ट्रीज और पार्श्वनाथ डेवलपर्स के शेयरों में साप्ताहिक आधार पर 52 से 77 प्रतिशत तक की जोरदार गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, टीवीएस इलेक्ट्रॉनिक्स, आटोमोटिव स्टैंपिंग एंड असेंबलीज, जुआरी इंडस्ट्रीज, ओम इंफ्रा, ऑल कार्गो टर्मिनल्स, इंडो थाई सिक्योरिटीज और आरएसीएल गियर टेक के शेयर 20 से लेकर 30 प्रतिशत तक की साप्ताहिक मजबूती के साथ बंद होने में सफल रहे।
शुक्रवार को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह के दौरान सभी सेक्टोरल इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। पिछले सप्ताह के कारोबार में निफ्टी के आईटी इंडेक्स में सबसे अधिक 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह निफ्टी का रियल्टी इंडेक्स पिछले सप्ताह के कारोबार में 6 प्रतिशत टूट गया। वहीं निफ्टी का फार्मास्यूटिकल इंडेक्स 5.2 प्रतिशत की कमजोरी का शिकार हुआ, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडेक्स में 4.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा निफ्टी का डिफेंस इंडेक्स 4.40 प्रतिशत की साप्ताहिक कमजोरी के साथ बंद हुआ।
स्टॉक मार्केट में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की खरीद बिक्री के आंकड़े पर नजर डालें, तो पिछले सप्ताह के कारोबार में विदेशी निवेशक एक बार फिर शुद्ध बिकवाल (सेलर) बने रहे। इस तरह एफआईआई ने लगातार 13वें सप्ताह बिकवाली करने का सिलसिला जारी रखा। पिछले सप्ताह के कारोबार में एफआईआई ने स्टॉक मार्केट में 19,570.03 करोड़ रुपये की इक्विटी की बिक्री की। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशक पिछले सप्ताह भी शुद्ध लिवाल (बायर) की भूमिका में बने रहे। डीआईआई द्वारा स्टॉक मार्केट में लिवाली का सिलसिला लगातार 24वें सप्ताह भी जारी रहा। सोमवार से शुक्रवार के कारोबार के दौरान डीआईआई ने स्टॉक मार्केट में 17,411.40 करोड़ रुपये की इक्विटी की लिवाली की।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक