पीओके में विरोध प्रदर्शन में 2 लोगों की मौत

29 Sep 2025 20:10:31
पीओके में विरोध प्रदर्शन में 2 लोगों की मौत


मुजफ्फराबाद, 29 सितंबर (हि.स.)। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में साेमवार काे सरकार के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में दाे लोगों की माैत हाे गई, जबकि 22 लाेग घायल हाे गए।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ हुए इन प्रदर्शनों में मुजफ्फराबाद में सरकारी सुरक्षाबलाें और प्रदर्शनकारियाें के बीच हुई हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत होने और 22 अन्य लाेगाें के घायल होने के समाचार हैं।

यह विराेध प्रदर्शन नागरिक समाज गठबंधन, अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) द्वारा आहूत किया गया था। प्रदर्शन रविवार को मीरपुर, कोटली, रावलकोट, नीलम घाटी, केरन आदि जगहों पर शुरू हुए, जिसके तहत आमजन काे उनके अधिकार दिलाने का स्पष्ट संदेश देने के लिए सोमवार को लॉकडाउन की घोषणा की गई थी।

इस बीच पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनकारियाें से निपटने के लिए क्षेत्र में सुरक्षाबलाें के सशस्त्र काफिलाें के अलावा पंजाब से हजारों सैनिकों की तैनाती की। इस्लामाबाद से 1,000 अतिरिक्त पुलिस अधिकारी भी इस दाैरान क्षेत्र में माैजूद थे।

सूत्राें के मुताबिक अधिकारियों ने आधी रात से इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दीं। पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) से जुड़े संगठन मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के हथियारबंद लाेगाें ने प्रदर्शनकारियाें पर गोलीबारी की।

इस बीच एएसी ने पाकिस्तानी सरकार के समक्ष 38-सूत्रीय मांगपत्र का प्रस्ताव रखा है। संगठन पीओके में भ्रष्टाचार, उपेक्षा और बुनियादी अधिकारों से वंचित लोगों को एकजुट कर सरकार के खिलाफ दबाव बनाने के लिए प्रयासरत है।

संगठन की मांगों में पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आवंटित पीओके विधानसभा की 12 सीटों को हटाना, सब्सिडी वाला आटा और उचित बिजली मूल्य निर्धारण और इस्लामाबाद की शहबाज सरकार द्वारा लंबे समय से विलंबित सुधारों के वादों को पूरा करना शामिल है।

एएसी नेता शौकत नवाज मीर ने कहा कि उनका अभियान किसी संस्था के खिलाफ नहीं बल्कि 70 से अधिक वर्षों से वंचित लाेगाें काे मौलिक अधिकार दिलाने के लिए है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि या तो वे उनकी मांगाें को पूरा करें अन्यथा उन्हें जन आक्राेश का सामना करना हाेगा। ये प्रदर्शन हाल ही में एएसी, पाकिस्तानी सरकार के मंत्रियों और पीओके प्रशासन के बीच वार्ता के विफल होने के बाद शुरू हुए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल

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