- केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री ने इंदौर में जीएसटी 2.0 के विषय पर परिचर्चा में कर सरलीकरण के प्रयासों की दी जानकारी
इंदौर, 29 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की प्रणाली में हाल में सुधारों से बाजार में खरीद बढ़ेगी, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि जीएसटी सुधारों से आम लोगों के हाथों में जब अतिरिक्त धन आएगा। इससे बाजार में निश्चित तौर पर खरीद बढ़ेगी और हमारी अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।
केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री चौधरी सोमवार को केंद्रीय माल एवं सेवा कर, भोपाल जोन के तत्वावधान में इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में परिचर्चा सत्र को संबोधित कर रहे थे। परिचर्चा में लघु एवं मध्यम उद्योग जगत से जुड़े संगठन, लघु उद्योग भारती के साथ उद्योग एवं व्यापार जगत के सभी प्रमुख संस्थान तथा सीए एवं कर सलाहकार संगठनों सहित लगभग 200 करदाताओं ने भाग लिया।
इस परिचर्चा में गत 22 सितंबर से किए गए अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों (जीएसटी 2.0) के विषय में चर्चा तथा उद्योग एवं व्यापार जगत के द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों तथा जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कर सरलीकरण की दिशा में भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को संक्षेप में रखा तथा जीएसटी 2.0 को जीएसटी बचत महोत्सव कहा।
उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि तब की सरकार को जीएसटी प्रणाली पेश करने में सफलता प्राप्त नहीं हो रही थी, क्योंकि लोगों को उस सरकार पर विश्वास नहीं था। तत्कालीन सरकार की विश्वसनीयता में कमी के कारण वह राज्य सरकारों को जीएसटी प्रणाली के लिए राजी नहीं कर पा रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में इस पूर्ववर्ती सरकार के राज के दौरान कर प्रणाली में अलग-अलग गड़बड़ियां होती थीं और उद्योग-व्यापार जगत को कई झंझटों का सामना करना पड़ता था।
केन्द्रीय मत्री चौधरी ने करों के बारे में विशिष्ट जानकारी दिए बगैर कहा कि उस वक्त उद्योग-व्यापार जगत को औसत आधार पर लगभग 15 प्रतिशत कर अदा करने पड़ते थे, लेकिन 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू किए जाने के बाद यह कर अदायगी घटकर 11 से 11.50 प्रतिशत रह गई। जीएसटी सुधारों के असर के बारे में अगले चार-छह महीनों के बाद पता चलेगा और अभी हम कुछ भी नहीं कह सकते, लेकिन अनुमान है कि यह कर अदायगी और घटकर आठ से नौ प्रतिशत रह जाएगी।
उन्होंने जीएसटी सुधारों से राज्यों का कर राजस्व घटने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सरकार का काम केवल राजस्व इकट्ठा करना नहीं है। सरकार का काम आम जन को राहत देना भी है। इसे (जीएसटी सुधारों को) हम राजस्व घाटा नहीं कहेंगे। हमने इसके जरिये जनता को लाभ प्रदान किया है। उन्होंने अपने इंदौर आने का उद्देश्य यह बताया कि अब सरकार जनता के द्वार जाकर उनकी समस्याओं और सुझावों को जानेगी। उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी 2.0 में दिए गए सुझावों के साथ आगे भी सुधार किए जाएंगे।
कार्यक्रम में इंदौर सांसद शंकर लालवानी, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर तथा सीमा शुल्क बोर्ड दिल्ली के सदस्य सुरजीत भुजबल तथा सीएसटी भोपाल जोन के मुख्य आयुक्त संदीप पुरी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। अपने उद्बोधन में सांसद लालवानी ने नई जीएसटी सुधारों को आम जनता और करदाताओं के लिए अत्यंत लाभदायक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार की प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में उद्योगों में व्यापार जगत के विभिन्न संगठनों द्वारा जीएसटी 2.0 के बारे में अपने सुझावों एवं प्रतिक्रियाओं को ज्ञापन के रूप में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री को दिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर