लेह शहर में सप्ताह भर से लगे कर्फ्यू में दी गई चार घंटे की ढील

30 Sep 2025 11:50:31
लेह शहर में सप्ताह भर से लगे कर्फ्यू में दी गई चार घंटे की ढील


लेह, 30 सितंबर (हि.स.)। लेह शहर में सप्ताह भर से लगे कर्फ्यू में मंगलवार सुबह 10 बजे से चार घंटे की ढील दी गई है। इस दौरान दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान खोले हैं। 24 सितंबर को प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच व्यापक झड़पों में जान गंवाने वाले चार लोगों, जिनमें एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी भी शामिल है, उनके अंतिम संस्कार के तुरंत बाद सोमवार शाम 4 बजे से प्रतिबंधों में दो घंटे की ढील दी गई थी।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में ढील को और बढ़ाने का फैसला दिन चढ़ने के साथ-साथ उभरती स्थिति के आधार पर लिया जाएगा। लेह में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गुलाम मोहम्मद ने ढील की अवधि के दौरान सभी किराने का सामान, आवश्यक सेवाओं, हार्डवेयर और सब्जी की दुकानें खोलने का आदेश दिया है।

अधिकारी ने कहा कि पिछले बुधवार को हुई हिंसा को छोड़ कर कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बल बड़ी संख्या में तैनात हैं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि लेह शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ अभी भी निलंबित हैं और कारगिल सहित केंद्र शासित प्रदेश के अन्य प्रमुख हिस्सों में पाँच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाने वाले निषेधाज्ञा आदेश अभी भी लागू हैं।

उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता लगभग रोजाना उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और इसे विकास की आधारशिला बताया। उपराज्यपाल ने प्रशासन और नागरिकों के बीच विश्वास को मज़बूत करने के लिए ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने, नियमित सामुदायिक सहभागिता और जन शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए स्पष्ट निर्देश भी जारी किए।

लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के एक घटक द्वारा लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांगों पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए बुलाए गए बंद के दौरान हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद 24 सितंबर की शाम को लेह शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था।

इस घटना के बाद दो पार्षदों समेत 60 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल थे जिन्हें 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया था।

इस बीच लद्दाख भाजपा ने घटना की गहन जाँच की माँग की। भाजपा ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा कि हम मामूली अपराधों के आरोपित सभी निर्दाेष लोगों की तत्काल रिहाई की माँग करते हैं। पार्टी ने कहा कि लद्दाख अपनी सुंदरता और अपने लोगों के लचीलेपन के लिए जाना जाता है। हम लद्दाख में सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह करते हैं।----

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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