नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स)। भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह ईएफटीए के बीच व्यापार तथा आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) 01 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा। इन चार देशों के समूह में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन शामिल हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि इस समझौते पर 10 मार्च, 2024 को राजधानी नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के तहत ईएफटीए ने 15 साल की अवधि में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है, जिससे भारत में दस लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। इस अवसर पर सरकार नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में एक औपचारिक कार्यक्रम आयोजित करेगी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ईएफटीए देशों के मंत्री इस समारोह की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग प्रतिनिधि शामिल होंगे।
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक इस समझौते में 14 अध्याय शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से वस्तुओं से संबंधित बाज़ार पहुंच, उत्पत्ति के नियम, व्यापार सुगमता, व्यापार उपाय, स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपाय, व्यापार में तकनीकी बाधाएँ, निवेश प्रोत्साहन, सेवाओं पर बाजार पहुंच, बौद्धिक संपदा अधिकार, व्यापार और सतत विकास तथा अन्य कानूनी और क्षैतिज प्रावधानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। टीईपीए के तहत ईएफटीए की बाजार पहुंच की पेशकश में 100 फीसदी गैर-कृषि उत्पाद और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (पीएपी) पर टैरिफ रियायत शामिल है। इसके अलावा फार्मा, चिकित्सा उपकरण और प्रसंस्कृत खाद्य आदि क्षेत्रों में पीएलआई से संबंधित संवेदनशीलता को प्रस्तावों का विस्तार करते समय ध्यान में रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि ये समझौता वस्तुओं और सेवाओं से आगे बढ़कर निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका उद्देश्य अगले 15 वर्षों में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना और ऐसे निवेशों के जरिए भारत में 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार सृजन को सुगम बनाना है। इसके अलावा स्विजरलैंड की घड़ियों, चॉकलेट और कटे एवं पॉलिश किए गए हीरों जैसे कई उत्पादों पर कम या शून्य शुल्क की अनुमति दी गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर