नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स)। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की परिषद के भाग II के लिए भारत को तीन साल के लिए पुनः निर्वाचित किया गया है। इस परिषद में अंतरराष्ट्रीय नागरिक हवाई नौवहन के लिए सुविधाओं के प्रावधान में सबसे बड़ा योगदान देने वाले देश शामिल हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि भारत को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की परिषद में और भी मजबूत जनादेश के साथ दोबारा चुना गया है। मंत्रालय के मुताबिक यह चुनाव 27 सितंबर को मॉन्ट्रियल में आईसीएओ के 42वें अधिवेशन के दौरान हुआ। भारत को 2022 के चुनावों की तुलना में ज्यादा वोट मिले हैं, जो सदस्य देशों के बीच उसके नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के प्रति प्रतिबद्धता में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 1944 से आईसीएओ का संस्थापक सदस्य होने के नाते भारत ने 81 वर्षों से परिषद में अपनी निर्बाध उपस्थिति बनाए रखी है। यह सुरक्षित, संरक्षित, दीर्घकालिक, सामंजस्यपूर्ण और लैंगिक-समावेशी अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन को बढ़ावा देने के आईसीएओ के मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। भारत नीति निर्माण, नियामक ढांचों और अंतरराष्ट्रीय विमानन मानकों में सक्रिय रूप से शामिल है।
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक तीन वर्ष में आयोजित होने वाली आईसीएओ सभा, संगठन की संप्रभु संस्था है, जिसमें शिकागो कन्वेंशन के सभी 193 हस्ताक्षरकर्ता देश शामिल हैं। इस सभा के दौरान 193 सदस्य देशों द्वारा चुनी गई 36 सदस्यीय आईसीएओ परिषद तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए शासी निकाय के रूप में कार्य करती है। वर्ष 2025 से 2028 की अवधि के लिए भारत अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि करता है, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा, संरक्षा और स्थिरता को मजबूत करना, हवाई संपर्क में समान वृद्धि को बढ़ावा देना और उन्नत प्रौद्योगिकी और नवाचार तथा आईसीएओ की 'कोई देश पीछे न छूटे' पहल का समर्थन मुख्य रूप से शामिल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर