प्रमुख खबर
ताजा खबर
Latest Headlines

अमेरिका से निर्वासित 39 बांग्लादेशी ढाका पहुंचे, अब तक 220 से अधिक लोगों को स्वदेश लाया गया

सुदीप फार्मा का शेयर निर्गम मूल्य से करीब 24 फीसदी की बढ़त के साथ सूचीबद्ध

ध्यान व योग से दूर किए जा सकता है एकाकीपन और तनाव: राष्ट्रपति मुर्मू

वित्त मंत्री सीतारमण ने अमरावती में बैंक व बीमा कार्यालयों की रखी आधारशिला

शांति और सत्य की स्थापना के लिए अत्याचारियों का अंत भी आवश्यक : प्रधानमंत्री मोदी

(संशोधित) चेन्नई की ओर आ रहा 'दितवाह' चक्रवात, तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, कई ट्रेनाें काे राेक गया

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पुराने ढांचे पर भरोसा नहीं कर सकते: राजनाथ

मुस्कान के साथ गलतियों को स्वीकारते हुए वर्तमान पर फोकस करना जीत का मंत्र : तीरंदाज अंशिका

एसआईआर पर कांग्रेस के आरोपों को भाजपा ने बताया देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश

रूस के राष्ट्रपति पुतिन 4 दिसंबर को आयेंगे नई दिल्ली, प्रधानमंत्री के साथ होगी शिखर वार्ता

विशेष
होम JUN. 24, 2025

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी : राष्ट्रीय एकता-अखंडता के पर्याय

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के लिए राष्ट्र सर्वोपरि था। इसलिए उन्होंने सत्ता का त्याग करके देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। वह ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान’ के विरुद्ध थे। डॉक्टर मुखर्जी ने स्वतंत्र भारत का पहला राष्ट्रवादी आंदोलन खड़ा किया था। भारत के पुनर्निर्माण के उद्देश्य से डॉक्टर मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की थी। आज यदि लोग जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट के जा सकते हैं और पश्चिम बंगाल भारत का अभिन्न अंग है, तो इसके पीछे डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान है।

156 Days 18 Hr ago
देश
विचार
स्तंभ
आर्थिक
वीडियो